ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) देश में 21 हजार या उससे कम आय में काम करनेवाले सभी कर्मचारियों को और उनके परिवार के सदस्यों को मोफत चिकित्सा देखभाल एवं अन्य प्रकार के लाभ प्रदान कराने हेतु शुरू की गयी एक सामाजिक सुरक्षा योजना हैं।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
उपचार की प्रणाली:
- ईएसआई के अंतर्गत एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली के साथ साथ आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्ध, योग चिकित्सा और होम्योपैथी उपचार प्रणाली भी शामिल है
चिकित्सा लाभ:
- ईएसआईसी डिस्पेंसरी, ईएसआईसी अस्पताल और ईएसआईसी पैनलबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क ओपीडी और आईपीडी उपचार।
- निशुल्क दवाइयाँ, मोफत सर्जरी, ड्रेसिंग और अन्य मोफत चिकित्सा प्रक्रिया।
- मोफत दंत चिकित्सा और आंखों का इलाज कान नाक गले का मोफत इलाज।
- सी.टी. स्कैन, एम आर आइ, इकोकार्डियोग्राफी सहित एक्स रे और प्रयोगशाला सुविधाएँ बीमाकृत बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिवार को राज्य स्तर के विशेषज्ञ अस्पतालों और कर्मचारी राज्य बिमा योजना के साथ टाई-अप अन्य अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं|
बीमारी लाभ:
- बीमित कर्मचारी बीमार होने पर अधिकतम 91 दिन की छुट्टी साथ ही वेतन का 70 प्रतिशत नकद भुगतान।

विस्तारित बीमारी हितलाभ:
दीर्घ अवधि वाली बीमारियों से ग्रसित बीमाकृत व्यक्तियों को 91 दिनों की बीमारी हितलाभ समाप्ति हो जाने के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। अक्सर उन्हें ठीक नहीं होने के बावजूद काम पर जाने हेतु अंतिम प्रमाण पत्र लेना पड़ता था। अतः विस्तारित बीमारी हितलाभ के 3 वर्षों की अवधि में 2 वर्ष की विस्तारित अवधि (विस्तारित बीमारी हितलाभ) तक औसत दैनिक मजदूरी के 80% की दर से बीमारी हितलाभ के भुगतान का प्रावधान किया गया है।
I. संक्रामक बीमारियाँ:
- क्षयरोग (टी.बी.)
- कुष्ठ
- जीर्ण अंतः पूयता (क्राॅनिक एम्पाइमा)
- एड्स
II. नियोप्लाज़्म्स:
- दुर्दम बीमारियाँ (मेलिथनैंट डिजिसेस)
III. अंतः स्रावी, पोषण एवं उपाचय संबंधी रोग /विकार:
- मधुमेह प्रफली दृष्टिपटल विकृति/मधुमेह रोगी पैर/वृक्क संबंधी रोग
IV. तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) संबंधी विकारँ:
- कांगघात (मोनोप्लेज़िया)
- अद्र्धांग पक्षाघात (हेमीप्लेजिया)
- अधरांत्रघात (पैराप्लीजिया)
- आंशिक पक्षाघात (हेमीपॅरेसिस)
- अंतः कपालिक स्थान की विक्षति (इंट्राक्रेनियल स्पेश आकुपाइंज लीजन)
- सुषुम रज्जु सम्पीडन (स्पाइनल काॅड कम्प्रैसन)
- पार्किन्सनता (पार्किन्सन्स डिज़ीज)
- गंभीर पेशीदुर्बलता (मायस्थीनिया ग्रेविस)
V. आँख की बीमारी:
- 6/60 या कम दृष्टि के साथ अपरिपक्व मोतियाबिंद
- दृष्टिपटल का वियोजन
- अधिमन्थ (ग्लोकोमा)
VI. हृदय एवं रक्त वाहिनी व्यवस्था से संबंधित बीमारियाँ:
हृद्धमनी से संबंधित बीमारी: (a) असंतुलित एन्जाइना (b) 45% से कम इजैक्शन के साथ हृदयपेक्षीय व्यतिक्रम
- रक्ताधिका संबंधी हृदयपात-बायां, दायां
- घात/जटिलता के साथ हृदय कपाटिकी संबंधी बीमारियां
- हृदयपेशी संबंधी रोग
- जटिलतायुक्त शल्य हस्तक्षेप के साथ हृदय रोग
VII. छाती के रोग:
- श्वास नलिका विस्कार (ब्रोन्कियक्टेसिस)
- अन्तररालीय फुफ्फुस रोग
- रक्ताधिक्य हृदपात (कोर पल्मोनेल) के साथ जीर्ण अवरोधी फुफ्फुस रोग (सी.ओ.पी.डी.)
VIII. पाचन तंत्र के रोग:
- रक्ताधिक्य हृदपात (कोर पल्मोनेल) के साथ जीर्ण अवरोधी फुफ्फुस रोग (सी.ओ.पी.डी.)
IX. हड्डी के रोग:
- जलोदर/जीर्ण सक्रिय हेपाटाइटिस सहित यकृत का कठोर हो जाना
- कशेरूका का विस्थापन/आंतरिक कशेरूका डिस्क का विस्थापन
- अस्थिभंग का नहीं जुड़ना या विलंब से जुड़ना
- निचले बाहुअपन का अभिघातज पश्चात शल्य अंगोच्छेदन
X. मनोविक्षप्ति:
स्पष्टीकरण हेतु इस शीर्ष के अधीन उप समूह की सूची इस प्रकार है:-
(क) विखण्डित मनस्कता
(ख) अन्तर्जात मानसिक अवसाद
(ग) सनकी मानसिक अवसादी मनोविक्षिप्ति
(घ) मनोभ्रंश
XI. अन्य:
- संक्रमण/जटिलता सहित 20% से अधिक जलना
- रक्ताधिक्य वृक्क पात
- रेनोड के रोग/बर्गर के रो
उपर्युक्त सूची के अलावा आर.डी.एम.सी./ए.एम.ओ. या चिकित्सा योजना चलाने वाले प्राधिकृत अधिकारियों की सिफारिश पर विरल परंतु चिकित्सा योग्य बीमारियों या विशेष परिस्थितियों जैसे दवाइयों की विपरीत प्रतिक्रिया आदि जो उपर्युक्त सूची में शामिल नहीं की गई है, संबंधी मामलों पर महानिदेशक/चिकित्सा आयुक्त अधिकतम 730 दिनों की अवधि के लिए विस्तारित बीमारी हितलाभ की स्वीकृति हेतु प्राधिकृत हैं ।
विस्तारित बीमारी हितलाभ के लिए हकदार होने हेतु बीमाकृत व्यक्ति को बीमारी की अवधि जिसमें रोग का निदान हुआ है, के आरंभ पर 2 वर्षों या अधिक से लगातार रोजगार में होना चाहिए एवं अन्य अंशदायी शर्तों को पूर्ण करना चाहिए ।
विस्तारित बीमारी हितलाभ प्रारंभ में 124 दिनों की अवधि के लिए देय होगा एवं विशेषज्ञ कीे रिपोर्ट पर क्षेत्रीय उप चिकित्सा आयुक्त/चिकित्सा रेफरी/प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी/राज्यों के क.रा.बी. योजना के मुख्य कार्यपालक या उनके नामिती द्वारा चिरकालिक उपयुक्त मामलों में 309 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है ।
मेडिकल बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणितमामलों में विस्तारित बीमारी हितलाभ (ई.एस.बी.) की अवधि को 400 दिनों से अधिक बढ़ाया जा सकता है (91 दिन की बीमारी लाभ और 309 दिन की विस्तारित बीमारी लाभ)। हालांकि, यह सुविधा मेडिकल बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणित योग्य मामले में अधिकतम दो वर्ष की अवधि तक उपलब्ध होगी। यह सुविधा तब तक उपलब्ध होगी जब तक बीमित व्यक्ति की आयु60 वर्ष की होगी।
वर्धित बीमारी हितलाभ:
यह नसबंदी/नालबंदी करवाने के लिए बीमाकृत व्यक्तियों/बीमाकृत महिलाओं को प्रोत्साहन के रूप में आरंभ हुआ । सामान्य बीमारी हितलाभ के पात्र बीमाकृत व्यक्तियों को परिवार कल्याण हेतु बंध्यकरण आपरेशन करवाने के लिए औसत दैनिक मजदूरी के 100% के बराबर वर्धित बीमारी हितलाभ का भुगतान किया जाएगा । वर्धित बीमारी हितलाभ की अवधि आपरेशन की तारीख से या अस्पताल में भर्ती, जैसी भी स्थिति हो, नसबंदी के मामले में 7 दिन तथा नालबंदी के मामले में 14 दिन है । आपरेशन पश्चात जटिलता के मामले में यह अवधि बढ़ाई जा सकती है ।
अस्थायी विकलांगता लाभ:
- काम के दौरान दुर्घटना या बीमारी के कारण काम करने में असमर्थ होने पर ठीक होने तक वेतन का 90 प्रतिशत नकद भुगतान।
- अस्थायी अपंगता हितलाभ की समयावधि के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है । जब तक अस्थायी अपंगता रहती है और उपचार द्वारा महत्वपूर्ण सुधार संभव हो यह देय होता है।
स्थायी विकलांगता लाभ:
- काम के दौरान कर्मचारी को दुर्घटना में स्थायी विकलांगता होने पर उसे जीवन पर उसके विकलांगता के आधार पर हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- अगर दुर्घटना के बाद कर्मचारी काम करने योग्य नहीं रहता तो ऐसे स्थिति में उसके पति/पत्नी को भी ईइसआई के अंतर्गत मोफत चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जाएगा।
मातृत्व लाभ:
- मातृत्व लाभ अधिकतम 26 सप्ताह की अवधि के लिए देय है जो कि प्रसव के मामले में 2 जीवित बच्चों तक है जिनमें से प्रसव की अपेक्षित तिथि से 8 सप्ताह से अधिक समय पहले नहीं होना चाहिए
- 2 या 2 से अधिक जीवित बच्चों वाली बीमाकृत महिला बारह सप्ताह की अवधि के दौरान मातृत्व लाभ प्राप्त करने की हकदार होगी, जिसमें से अधिकतम छह सप्ताह प्रसव की अपेक्षित तिथि से पहले होंगे।
- कमीशनिंग माता या दत्तक माता, बच्चे को सौंपे जाने की तारीख से बारह सप्ताह के मातृत्व लाभ की हकदार होगी।
- गर्भपात या गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति (एमटीपी) – गर्भपात के बाद की तारीख से 6 सप्ताह (42 दिन) तक देय।
- गर्भावस्था, प्रसव, समय से पूर्व जन्म से उत्पन्न बीमारी के आधार पर एक माह से अधिक अवधि के लिए देय।
- प्रसव के दौरान बीमित महिला की मृत्यु हो जाने तथा उसके पीछे बच्चा रह जाने की स्थिति में, मातृत्व लाभ उसके नामिती को देय होगा।
- मातृत्व हितलाभ दर औसत दैनिक मजदूरी की 100% है।
- अगर बीमित महिला/पुरुष कर्मचारी के क्षेत्र में या फिर उनके नजदीक कही ईइसआईसी अस्पताल या ईइसआईसी पैनल अस्पताल उपलब्ध नहीं है तो किसी अन्य अस्पताल में प्रसूति के लिए 7500 /- रुपयोंकी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
आश्रितों को लाभ:
- बीमित कर्मचारी के परिवार के सदस्योंको ईएसआईसी डिस्पेंसरी, ईएसआईसी अस्पताल और ईएसआईसी पैनलबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा लाभ
बेरोजगारी भत्ता:
- कर्मचारी 3 वर्ष या उससे अथिक बीमित रहता है और किसी कारणवश कंपनी बंद हो जाती है या फिर छंटनी हो जाती है या स्थायी अशक्तता के कारण बेरोजगार हो जाता है तो उसे निमीलिखित लाभ प्रदान किया जाएंगे
- बीमित कर्मचारी को अधिकतम 2 वर्षों के अवधि के लिए मजदूरी के 50% के बराबर बेरोजगार भत्ता प्रदान किया जाता है।
- जब तक बीमाकृत बेरोजगार कर्मचारी बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करता है तब तक उसके परिवार को कर्मचारी राज्य बिमा डिस्पेंसरी, अस्पताल और पैनल अस्पतालों में मोफत चिकित्सा देखभाल।
- बरोजगारी के दौरान बीमित कर्मचारी की कुशलता बढ़ाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण पर व्यय का सारा खर्चा कर्मचारी राज्य बिमा निगम द्वारा वहन किया जाता है जिसमे यात्रा शुल्क और भत्ता शामिल है।
मृत्यु लाभ:
- काम के दौरान दुर्घटना में कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रितों को हर महीने वेतन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ताकि बीमित कर्मचारी के एकाएक मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक रूप से किसी के ऊपर निर्भर रहने की आवश्यकता ना पड़े।
सेवानिवृत्ति के बाद लाभ:
- बीमित कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद सालाना 120 /- रुपयों का भुगतान कर के बीमित कर्मचारी और उसका पति/पत्नी का ईएसआईसी डिस्पेंसरी, ईएसआईसी अस्पताल और ईएसआईसी पैनलबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा लाभ
- याद रखे: बीमित कर्मचारी के सेवानिवृत्त या स्वेच्छा निवृत्ति से पहले 5 वर्षों तक अंशदान जरुरी है तभी उसके पति/पत्नी को सेवानिवृत्ति के बाद मोफत चिकित्सा लाभ दिया जाएगा
कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण लाभ:
दुर्घटना में बीमित कर्मचारी को विकलांगता आती है तो कृत्रिम अंग उपकरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
निमीलिखित कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण का लाभ दिया जाएगा:
- कृत्रिम अंग
- कान की मशीन
- स्पेक्ट्रम (फ्रेम जिसकी कीमत रु 1200 / – से अधिक नहीं है और फ्रेम के प्रतिस्थापन ५ साल से पहले नहीं किए गए हैं) (केवल बीमाकृत व्यक्तियों के लिए)
- कृत्रिम कृत्रिम दांत, दांत (केवल बीमित व्यक्तियों के लिए)
- कृत्रिम आँख (केवल बीमित व्यक्तियों के लिए)
- केवल महिला लाभार्थियों को विग्स (5 साल से पहले प्रतिस्थापन नहीं)
- हृदय गतिनिर्धारक
- व्हील चेयर / ट्राइसाइकिल
- स्पाइनल सपोर्ट (जैकेट, ब्रेसिज़ आदि)
- सरवाइकल कॉलर
- चलने वाले कॉलिपर्स, सर्जिकल जूते आदि।
- बैसाखियों
- हिप प्रोस्थेसिस, कुल
- इंट्रा ऑक्यूलर लेंस (IOL)
- उपचार के हिस्से के रूप में विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित कोई अन्य सहायता या उपकरण.
व्यावसायिक पुनर्गठन:
- व्यावसायिक पुनर्वास केन्द्र में व्यावसायिक पुनर्वास प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दुर्घटना में स्थायी विकलांगता वाले बीमित कर्मचारी को
पुनर्वास भत्ता:
- बीमाकृत व्यक्तियों के शारीरिक निःशक्तता की स्थिति में।
अंत्येष्टि व्यय :
- बीमाकृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके परिवार के सदस्यों को 10,000/- रुपये तक भुगतान किया जाता है।
हमारे द्वारा दी गयी सभी जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। समय के साथ ईएसआईसी द्वारा इसमें बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए हमारा आपसे निवेदन है की नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा ईएसआईसी की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
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